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प्रिये दोस्तों!

 प्रिय दोस्तों
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जो   बात   किसी   से   कह  नहीं  पाता हूँ,
वो   बात   तुम    से   मैं    कह    जाता  हूँ।

यूँ   तो   मैं    ख़ामोश    रहता   हूँ   अक्सर,
पर   तुम्हारे   साथ   खुलकर  मुस्कुराता  हूँ।

कोई   ख़ून  का  रिश्ता  नहीं  है  तुमसे  मेरा,
पर  ख़ून  के  रिश्ते  से  बढ़  तुम्हें  चाहता हूँ।

तुम    दोस्त    तुम   सखा   तुम   मित्र    मेरे,
एक अपनापन  तुमसे  बस  तुमसे जताता हूँ।

कुछ  तुम्हारी  सुनता हूँ कुछ अपनी सुनता हूँ,
तुम्हारे साथ "निक्क" में हर ग़म भूल जाता हूँ।

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7 Comments

Shrishti pandey

06-Jul-2022 01:27 PM

Nice

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Abhinav ji

06-Jul-2022 07:35 AM

Nice

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Swati chourasia

06-Jul-2022 06:17 AM

बहुत ही सुंदर रचना 👌

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